वैज्ञानिक पश्चिमी घाट की पर्वत माला जैसे किसी भी पर्यावरणीय तंत्र के संरक्षण हेतु इन्हें 'जैव-विविधता से परिपूर्ण स्थान’ (बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट) का दर्जा कैसे दे पाते हैं? यह कार्य इकोलॉजिकल सैंपलिंग नाम की शोध-तकनीक के द्वारा किया जाता है, जो उस तंत्र में स्थित जीवों और वनस्पतियों की विविधता और बहुतायत को जाँचने में मदद करती है| इस तकनीक के अंतर्गत एक निश्चित इलाके के भीतर अलग-अलग जगहों से जीवों और वनस्पतियों के नमूने इकट्ठा किये जाते हैं, ताकि इन नमूनों के आधार पर ,पूरे इलाके की संभावित जैव-विविधता का आकलन हो पाये|
पार्किंसन रोग का उसके प्रारंभिक चरण में पता लगाने हेतु, चलने की शैली के गणितीय विश्लेषण का उपयोग करता एक नवीन अध्ययन।
Mumbai/ मार्च 8, 2024