वैज्ञानिक पश्चिमी घाट की पर्वत माला जैसे किसी भी पर्यावरणीय तंत्र के संरक्षण हेतु इन्हें 'जैव-विविधता से परिपूर्ण स्थान’ (बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट) का दर्जा कैसे दे पाते हैं? यह कार्य इकोलॉजिकल सैंपलिंग नाम की शोध-तकनीक के द्वारा किया जाता है, जो उस तंत्र में स्थित जीवों और वनस्पतियों की विविधता और बहुतायत को जाँचने में मदद करती है| इस तकनीक के अंतर्गत एक निश्चित इलाके के भीतर अलग-अलग जगहों से जीवों और वनस्पतियों के नमूने इकट्ठा किये जाते हैं, ताकि इन नमूनों के आधार पर ,पूरे इलाके की संभावित जैव-विविधता का आकलन हो पाये|
शोधकर्ताओं ने द्वि-आयामी पदार्थों पर आधारित ट्रांजिस्टर निर्मित किये हैं एवं ऑटोनॉमस रोबोट हेतु अत्यंत अल्प-ऊर्जा के कृत्रिम तंत्रिका कोशिका परिपथ निर्मित करने में इनका उपयोग किया है।
Mumbai/ अप्रैल 22, 2024