शोधार्थियों ने प्रदर्शित किया कि पूर्व में ‘मूक संकेतक’ समझे जाने वाले दो ग्राही वास्तव में मूक नहीं हैं तथा अपेक्षा के विपरीत भिन्न तंत्र के माध्यम से संकेतन करते हैं।
शोधकर्ताओं ने द्वि-आयामी पदार्थों पर आधारित ट्रांजिस्टर निर्मित किये हैं एवं ऑटोनॉमस रोबोट हेतु अत्यंत अल्प-ऊर्जा के कृत्रिम तंत्रिका कोशिका परिपथ निर्मित करने में इनका उपयोग किया है।
Mumbai/ अप्रैल 22, 2024