शीघ्र आने को है : एक टेबलटॉप काइरल एटोसेकंड लेजर

कई परमाणुओं से मिलकर जब अणु निर्मित होते हैं, तो इन परमाणुओं के जुड़ने की प्रक्रिया पृथक-पृथक हो सकती है। एक ही अणु के दो रूपों की संरचना समान हो सकती है किन्तु यदि परमाणुओं की व्यवस्था पृथक-पृथक होती है तो समभारी (आइसोमर्स) बनते हैं। कुछ समभारियों में ऐसी संरचनाएं हो सकती हैं जो एक दूसरे की दर्पण छवियां (मिरर इमेज) हों। ऐसे अणुओं को काइरल अणु कहते हैं। वैज्ञानिक ऐसे अणुओं के अध्ययन में रुचि रखते हैं, उदाहरण स्वरुप पेनिसिलिन, क्योंकि इसके अणुओं की एक व्यवस्था जीवन रक्षक हो सकती है जबकि दूसरी घातक हो सकती है!

Pollution

मुंबई
7 सितंबर 2022

सूक्ष्म तरंग (माइक्रोवेव) विकीरण का उपयोग करते हुए नन्हे अदृश्य प्लास्टिक प्रदूषकों की उपस्थिति ज्ञात करने हेतु शोधकर्ताओं ने एक नूतन तकनीक विकसित की है।

मुंबई
10 जनवरी 2022

शोधकार्य, एक सरंध्र तरल, सम्मिश्रण के उपयोग का सुझाव देता हैं जिससे औद्योगिक अपशिष्टों से अवशोषित कार्बन-डाइऑक्साइड को कैल्शियम कार्बोनेट में परिवर्तित किया जा सकता है।

मुंबई
31 दिसम्बर 2021

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई के शोधकर्ताओं के प्रस्ताव को कार्बन निष्कासन के लिए दी जाने वाली X-पुरस्कार छात्र प्रतियोगिता में चयनित किया गया।

बेंगलुरु
3 दिसम्बर 2020

शोध से पता चलता है कि भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र वायु प्रदूषण के कारण उच्च स्वास्थ्य जोखिमों का सामना  समान  रूप से  कर रहे हैं।