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समाजों के बीच पारस्परिक सम्बंध भिन्न क्यों?

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Bengaluru
5 मई 2019
समाजों के बीच पारस्परिक सम्बंध भिन्न क्यों?

कुछ समाजों में, लोगों के लिए नए रिश्ते बनाना और पुराने को समाप्त करना अपेक्षाकृत आसान है। यह  रिश्ते दोस्ती, पारिवारिक, या प्रेम के हो सकते हैं। जबकि अन्य समाजों में इस तरह के रिश्ते व्यक्तियों के लिए सीमित विकल्पों के साथ काफी हद तक तय, स्थिर और लंबे समय तक चलने वाले होते हैं। बहुत लंबे समय से जीव-विज्ञानियों और सामाजिक विज्ञानियों को यह सवाल हैरान करता आ रहा है कि इस तरह के मतभेद क्यों हैं, और क्या इससे सामाजिक व्यवहार में अन्य प्रकार के मतभेद पैदा होते हैं।

हाल ही में एक अध्ययन में एशिया, यूरोप, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया सहित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के शोधकर्ताओं की एक बहु-राष्ट्रीय टीम ने इन सवालों के जवाब खोजने  करने के लिए 39 देशों के लगभग 17 हज़ार लोगों का सर्वेक्षण  किया। इस सर्वेक्षण  के परिणाम संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस (PNAS) में प्रकाशित हुए हैं।

अध्ययन में, लोगों से उनके समाजों की 'संबंधपरक गतिशीलता' का आकलन करने के लिए तैयार किए गए प्रश्न पूछे गए। एक समाज व्यक्तिगत पसंद के आधार पर पारस्परिक सम्बंधों को चुनने और उन्हें छोड़ने की सम्बंध गतिशीलता की स्वतंत्रता को दर्शाता है।

लेखकों का कहना है कि कम सम्बंध गतिशीलता वाले समाज में कम लचीले पारस्परिक सम्बंध और नेटवर्क होते हैं, जहाँ लोग सक्रिय पसंद की बजाय परिस्थितियों के आधार पर सम्बंध बनाते हैं। इस तरह के समाज में रिश्ते अधिक स्थिर और आश्वस्त होते हैं लेकिन नए रिश्ते खोजने या किसी के साथ खुश न होने के बावजूद उस व्यक्ति को छोड़ पाने के अवसर कम होते हैं। इसके विपरित, उच्च सम्बंध गतिशीलता वाले समाज में परस्परिक सम्बंधों को चुनने और छोड़ने की स्वतंत्रता होती है, ये रिश्ते आपसी समझ पर आधारित होते हैं और कम आश्वस्त होते हैं।

इस सर्वे में सम्बंध गतिशीलता में योगदान देने वाले दो कारणों पर ज़्यादा ध्यान दिया गया है। पहला, ‘मीटिंग कारण’ जो व्यक्तिगत तौर पर दूसरे व्यक्ति से मिलने और नए रिश्ते बनाने का अवसर देता है। दूसरा, ‘पसंद कारण’ जो व्यक्तिगत पसंद के आधार पर चुनने और छोड़ने की स्वतंत्रता देता है। इस सर्वे में लोगों से उनके खुद की बजाय उनके आसपास के लोगों के बारे में सवाल किए गए थे ताकि पूर्वाग्रहों को कम किया जा सके और व्यक्तिगत गुणों की बजाय सामाजिक दृष्टिकोण पर काबू किया जा सके।

अध्ययन में पाया गया है कि ऐतिहासिक रूप से चावल की खेती के लिए अधिक कृषि भूमि समर्पित करने वाले समाजों की तुलना में पशुपालन करने वाले लोगों में अधिक संबंध गतिशीलता है। आमतौर पर कृषि समाज स्थिर होता है और वे लोगों को पारस्परिक सम्बंधों के साथ पारंपरिक कर्तव्यों में एक-दूसरे के साथ जोड़ते हैं जबकि दूसरी तरफ घूमन्तु जीवनशैली वाले लोग कम स्थिर दीर्घकालीन संबंध रखते हैं।

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जो समाज ऐतिहासिक और पारिस्थितिक खतरों जैसे जलवायु परिवर्तन, महामारी, अथवा गरीबी का सामना कर चुके हैं उनमें कम सम्बंध गतिशीलता होती है। यह अवलोकन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि समूह में एकजुटता का खतरा, सहयोग और संकीर्णता जैसी बुनियादी मानवीय प्रतिक्रिया होती है।

सम्बंध गतिशीलता के कारणों के अलावा, शोधकर्ता इसके परिणामों जो मेज़बान के अन्य मनोवैज्ञानिक और सामाजिक व्यवहारों को भी प्रभावित करते हैं की जाँच करते हैं। उदाहरण के लिए उच्च सम्बंध गतिशीलता वाले समाजों में, लोगों को अजनबियों पर ज़्यादा विश्वास  होता है, उच्च-आत्मसम्मान और करीबी दोस्त या प्रेमी के प्रति उच्च स्तर का आत्म-स्पष्टीकरण और घनिष्ठता होती है और वे व्यक्तिगत संकट का सामना कर रहे करीबी दोस्त की मदद के लिए तत्परता के साथ ज़्यादा से ज़्यादा सामाजिक मदद करते हैं।

लेखकों का कहना है कि एक तरह से, सम्बंध गतिशीलता सामाजिक सम्बंधों के लिए ‘खेल के नियमों को’ निर्धारित करती है। जब कोई समाज खास तरह की सम्बंध गतिशीलता स्थापित करता है तो यह कुछ व्यवहारों और मनोवैज्ञानिक प्रवृत्तियों को कम या ज़्यादा अनुकूल बनाता है। वे तर्क देते हैं कि सम्बंध गतिशीलता वाले गतिशील समाज में विश्वास और आत्म-सम्मान बहुत ज़रूरी है ताकि अजनबियों से संपर्क और उन लोगों को विश्वास दिया जा सके। उच्च सम्बंध गतिशीलता का एक और दिलचस्प परिणाम यह है कि दोस्त और प्रेमी एक-दूसरे के समान होते हैं क्योंकि लोग समान विचारधारा वाले लोगों के साथ पारस्परिक सम्बंध बनाते हैं और विचार न मिलने पर रिश्ते खत्म कर देते हैं।

हालाँकि लेखक कहते हैं कि सहसम्बंध कोई कारण नहीं है, आखिरकार ये परिणाम सहसम्बंधी हैं वे ये साबित नहीं कर सकते हैं कि सम्बंध गतिशीलता इन परिणामों का कारण नहीं बनती है। इसके अलावा इसका विपरित कारण भी सुखद है, जैसे – अजनबियों पर भरोसा करना समाज को और ज़्यादा विश्वसनीय रूप से गतिशील बना सकता है। हम प्रयोगात्मक शोध के ज़रिए इसके कारणों और प्रभावों पर और गहराई तक पहुँच कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।