आईआईटी मुम्बई के वैज्ञानिकों ने ग्राफ़ीन आधारित एक नवीन जल-अपकर्षी पदार्थ विकसित किया है, जो मीठे जल संबंधी संकट को दूर करने में सहायक हो सकता है।
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पीढ़ियों से अपने वंशानुक्रम को सतत बनाये रखने की कला में निपुण सूक्ष्म सा डीएनए, इसके निमित्त यीस्ट कोशिका की विभाजन युक्ति का आश्रय लेता है,वह भी यीस्ट को कोई अतिरिक्त लाभ दिए बिना।
आईआईटी मुंबई की लेज़र पुनर्गलन (लेज़र रीमेल्टिंग) युक्ति उत्पादन गति को कम किये बिना 3-डी प्रक्रिया में सन्निहित दोषों का निराकरण करने में सक्षम है।
अग्रणी ह्रदय रोग चिकित्सा का मार्ग प्रशस्त करता सैद्धांतिक अध्ययन बताता है की चुम्बकीय बल रक्तचाप के उतार-चढ़ाव को कम एवं रक्त प्रवाह को स्थिर करता है
आईआईटी मुंबई एवं भारतीय रेलवे के शोधकर्ता रेलवे समय -सारणी प्रबंधन के लिए प्रतिदिन न चलने वाली रेलगाड़ियों को एक समूह में मानकर कर भारतीय रेलवे को और दक्ष बनाएंगे।
ताम्र आधारित मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क से निर्मित मितव्ययी संवेदक (सेंसर), जल गुणवत्ता संवेदन के क्षेत्र में स्वर्ण मानक प्राप्त डीएनए आधारित संवेदक के समतुल्य है।
आईआईटी मुम्बई के एक अध्ययन के अनुसार बहुवैकल्पिक चयन प्रणाली के अंतर्गत यदि चयन विकल्पों को सीमित कर दिया जाए तो सटीक एवं यथार्थ जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
सुनामी एवं तटीय बाढ़ जैसी विकट स्थितियों में लहरों के वेग एवं मलबे के दुष्प्रभावों के शमन हेतु एक स्थायी एवं स्थिर समाधान
हाइड्रोजन आधारित प्रक्रियाओं में उन्नत उत्प्रेरकों और नवीकरणीय ऊर्जा के समावेश से स्टील उद्योग में कार्बन विमुक्ति के आर्थिक और औद्योगिक रूप से व्यवहार्य समाधानों का विकास ।
दो वैद्युत-रासायनिक तकनीकों के संयोजन से, शोधकर्ता औद्योगिक धातुओं पर लेपित आवरण पर संक्षारण की दर को कुशलतापूर्वक मापने में सफल रहे।