पार्किंसन रोग का उसके प्रारंभिक चरण में पता लगाने हेतु, चलने की शैली के गणितीय विश्लेषण का उपयोग करता एक नवीन अध्ययन।

Engineering

Mumbai
29 फ़रवरी 2024

सतह लेपन की नई विधि आलेपित सामग्री के अंदर के तापमान में 21 डिग्री सेल्सियस तक की कमी कर संक्षारण (करोजन) का प्रतिरोध भी कर सकती है।

Mumbai
2 फ़रवरी 2024

विशेष-मिश्रधातुओं में बोराइड्स का उपयोग कर उच्च तापमान स्थितियों में उन्नत प्रदर्शन पर प्रकाश डालता नवीन अध्ययन

Mumbai
22 दिसम्बर 2023

नवीन विधि अधिक दक्षता से बैटरी की ऊष्मा को हटाती है एवं इसके भार को भी कम करती है।

Mumbai
11 दिसम्बर 2023

ऑक्सीकरण-प्रतिरोधी निकल-आधारित विशेष मिश्रधातु स्वच्छ कोयला-आधारित विद्युत उत्पादन की दिशा में एक स्वीकार्य कदम है।

Mumbai
6 नवंबर 2023

पदार्थ अपने ऊपर आपतित 87% से भी अधिक प्रकाश को उपयोगी ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

मुंबई
4 नवंबर 2023

एक नया एल्गोरिदम जो छोटे रोबोट या ड्रोन से शूट किए गए वीडियो से अनभिप्रेत गति के प्रभाव को हटा देने में सक्षम है

Mumbai
3 नवंबर 2023

एक नवीन अध्ययन के अनुसार नगर जल अवसंरचना में स्थायित्व एवं परिवर्तनशीलता लाने हेतु प्रवर्धित विकेंद्रीकृत (स्केल्ड डिसेंट्रलाईज्ड) प्रणालियों की ओर ले जाने वाला एक आमूल-चूल परिवर्तन आवश्यक है।

Mumbai
1 नवंबर 2023

आईआईटी मुंबई के प्राध्यापक देबब्रत मैती को वैज्ञानिक उपादेयता (वैलोराईजेशन) से संबन्धित उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए एसएसबी पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया।

मुंबई
11 मार्च 2023

कई परमाणुओं से मिलकर जब अणु निर्मित होते हैं, तो इन परमाणुओं के जुड़ने की प्रक्रिया पृथक-पृथक हो सकती है। एक ही अणु के दो रूपों की संरचना समान हो सकती है किन्तु यदि परमाणुओं की व्यवस्था पृथक-पृथक होती है तो समभारी (आइसोमर्स) बनते हैं। कुछ समभारियों में ऐसी संरचनाएं हो सकती हैं जो एक दूसरे की दर्पण छवियां (मिरर इमेज) हों। ऐसे अणुओं को काइरल अणु कहते हैं। वैज्ञानिक ऐसे अणुओं के अध्ययन में रुचि रखते हैं, उदाहरण स्वरुप पेनिसिलिन, क्योंकि इसके अणुओं की एक व्यवस्था जीवन रक्षक हो सकती है जबकि दूसरी घातक हो सकती है!

मुंबई
30 अगस्त 2022

तीव्रता से परिवर्तित होने वाले क्षीण चुंबकीय क्षेत्रों के छायांकन (इमेजिंग) के लिए हीरे के क्वांटम दोषों (डिफेक्ट्स) का प्रयोग