उत्तम आपदा प्रबंधन एवं आर्थिक सुरक्षा की दृष्टि से, राज्य की वित्त व्यवस्था पर आपदा के प्रभाव का आकलन करने हेतु ‘डिजास्टर इंटेंसिटी इंडेक्स’ का उपयोग करते शोधकर्ता
Ecology
आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने ऐसे जीवाणुओं की खोज की है जो मिट्टी में स्थित विषैले प्रदूषकों को नष्ट करने के साथ उप-उत्पाद के रूप में उपयोगी पोषक तत्व उत्पन्न कर सकते हैं।
भवनों की छतों पर छोटे-छोटे पेड़-पौधों का रोपण कर, घने नगरीय क्षेत्रों में बाढ़ के प्रकोप एवं अपवाह (रनऑफ) को घटाया जा सकता है।
एक ही क्षेत्र में भौगोलिक प्रतिबंधों के बिना नई प्रजातियों के विकास में पर्यावरणीय संसाधनों, जीन और प्रजातियों में प्रजनन की भूमिका की खोज आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने की है जिससे परंपरागत दृष्टिकोण पर उठा सवाल।
यह अध्ययन समस्त पश्चिमी घाट क्षेत्र में मिट्टी की दीर्घकालिक क्षति के मापन हेतु रिमोट सेंसिंग डेटा का उपयोग करने वाला प्रथम अध्ययन है।
एक नवीन अध्ययन के अनुसार नगर जल अवसंरचना में स्थायित्व एवं परिवर्तनशीलता लाने हेतु प्रवर्धित विकेंद्रीकृत (स्केल्ड डिसेंट्रलाईज्ड) प्रणालियों की ओर ले जाने वाला एक आमूल-चूल परिवर्तन आवश्यक है।
फलोद्यानों में बने खेत के प्लास्टिक फिल्म आस्तरित तालाबों का अध्ययन और समाज पर इसके प्रभाव
सूक्ष्म तरंग (माइक्रोवेव) विकीरण का उपयोग करते हुए नन्हे अदृश्य प्लास्टिक प्रदूषकों की उपस्थिति ज्ञात करने हेतु शोधकर्ताओं ने एक नूतन तकनीक विकसित की है।
क्षेत्रीय जल संकट निदान हेतु आईआईटी मुंबई के शोधकर्ता मदुरै की ऐतिहासिक जल-संभर प्रणाली की पुनर्स्थापना हेतु प्रयासरत
शोधकार्य, एक सरंध्र तरल, सम्मिश्रण के उपयोग का सुझाव देता हैं जिससे औद्योगिक अपशिष्टों से अवशोषित कार्बन-डाइऑक्साइड को कैल्शियम कार्बोनेट में परिवर्तित किया जा सकता है।