एक ही क्षेत्र में भौगोलिक प्रतिबंधों के बिना नई प्रजातियों के विकास में पर्यावरणीय संसाधनों, जीन और प्रजातियों में प्रजनन की भूमिका की खोज आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने की है जिससे परंपरागत दृष्टिकोण पर उठा सवाल।
क्षयरोगाच्या जीवाणूंच्या बाह्य आवरणात सुप्तावस्थेत झालेल्या बदलांमुळे ते अँटीबायोटिक्स पासून बचाव करून दीर्घकाळ जिवंत राहू शकतात असे संशोधकांना दिसून आले.
Mumbai/