आईआईटी मुंबई का IMPART नामक नवीन वेब एप्लिकेशन जल सतह के तापमान पर दृष्टि रखने में शोधकर्ताओं की सहायता करता है एवं जलवायु परिवर्तन पर दृष्टि रखने में सहायक है।

धाराप्रवाह मौखिक वाचन को राष्ट्रव्यापी गति देता आईआईटी मुंबई का TARA मोबाइल ऐप

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Mumbai
30 नवंबर 2024
एक छात्रा को परीक्षा सुविधा प्रदान करती हुई शिक्षिका (श्रेय: शोधकर्ता)

पूर्व के दशक में शैक्षिक संशोधनों का ध्यान विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने के स्थान पर शिक्षा गुणवत्ता में उन्नति करने की दिशा में परिवर्तित हुआ है। तथापि एनुअल स्टेटस ऑफ एडुकेशनल रिपोर्ट (ASER; असर) 2022 के अनुसार स्थिति यह है कि कक्षा 5 के आधे से अधिक छात्र कक्षा 2 के स्तर की पाठ्य सामग्री पढ़ पाने में भी सक्षम नहीं हैं। । एनईपी 2020 प्रतिवेदन के अनुसार भारत में न्यूनतम पांच करोड़ छात्र अभी भी मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता कौशल (फंडामेंटल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी; FLN) से वंचित हैं। उस पर कोविड-19 महामारी के उपरांत स्थिति और निम्नतर हुई है, क्योंकि 90 % छात्रों की किसी एक भाषा विशेष के वाचन की योग्यता भी लुप्त हो चुकी है एवं वे पाठ-बोध के साथ पढ़ पाने अथवा किसी चित्र का वर्णन कर पाने में असमर्थ हैं। 

वाचन कौशल अन्य समस्त प्रकार के प्रशिक्षणों के लिए एक प्राथमिक कौशल स्वरुप है। विश्व भर की सरकारें विद्यार्थियों के वाचन-कौशल को बढ़ाने हेतु संरचनात्मक शिक्षण प्रक्रियाओं को विकसित करने एवं पाठ-प्रस्तुति हेतु शिक्षकों के प्रशिक्षण की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इन परिस्थितियों में शिक्षण के परिणामों के अनुवीक्षण (मॉनिटरिंग) एवं निर्देशात्मक रणनीतियों के संचालन हेतु डेटा का उपयोग करना एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। 

समय के साथ मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता की क्षमताओं का मापन एवं इनकी प्रगति को सुनिश्चित करने में नियमित मूल्यांकन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके माध्यम से विद्यार्थी के श्रेष्टतम प्रशिक्षण हेतु पाठ्यक्रम संशोधन के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। पारंपरिक रूप से साक्षरता एवं भाषा कौशल का मूल्यांकन वैयक्तिक स्तर पर विभिन्न परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है, जिसमें प्रशिक्षित परीक्षकों की आवश्यकता होती है। उदाहरणस्वरूप, धाराप्रवाह मौखिक वाचन परीक्षण का एक आवश्यक अंग होने के साथ-साथ वाचन कौशल का एक विशिष्ट संकेतक है। इस हेतु विद्यार्थी से मुद्रित पाठ का उच्च स्वर में वाचन करवाया जाता है, जिसे सुनकर वाचन की सटीकता, गति एवं सहजता जैसी विशेषताओं को परीक्षकों द्वारा, अन्य साधनों के बिना, प्रत्यक्ष रूप से आंका जाता है। 

साक्षरता मूल्याँकन को वस्तुनिष्ठ, अधिक मापनीय एवं विश्वसनीय बनाने की दिशा में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई के शोधकर्ताओं ने एक अनूठा प्रयास किया है। विद्युत अभियांत्रिकी विभाग की प्राध्यापिका प्रीति राव के नेतृत्व में शोधदल ने भाषा विशेषज्ञों एवं शिक्षकों के साथ काम करते हुए एक मोबाइल ऐप निर्मित किया है जो स्पीच प्रोसेसिंग तथा मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग करके मौखिक वाचन की धारा-प्रवाहिता को स्वचालित रूप से मापता है। TARA या ‘तारा’ (टीचर्स असिस्टेंट फॉर रीडिंग असेसमेंट) नामक ऐप के माध्यम से, एक विद्यार्थी द्वारा उच्च स्वर में पढ़े गए यथोचित कठिन स्तर के वाक्यांश के ध्वनि अभिलेख (ऑडियो रिकॉर्डिंग) का विश्लेषण किया जाता है। यह एप व्यापक रूप से उपयोगी WCPM (वर्ड्स करेक्ट पर मिनिट) के साथ-साथ मौखिक वाचन की प्रवाहशीलता को अभिव्यक्त करता है। धाराप्रवाह वाचन का एक अन्य महत्वपूर्ण पक्ष है अभिव्यक्ति, जो पाठ के सम्बन्ध में पाठक के बोध को सूचित करता है । ‘तारा’ के माध्यम से वाक्य का विभाजन (शब्द समूह बनाना), लयबद्धता एवं शब्दों पर बल का भी मापन किया जाता है, ताकि विद्यार्थी के वाचन कौशल के विकास की सटीक जानकारी देने वाला एक समग्र मूल्यांकन प्राप्त हो सके। 

“विद्यार्थियों के वाचन की रिकॉर्डिंग का विशेषज्ञों ने मूल्यांकन किया है एवं इसके आधार पर ‘तारा’ प्रणाली को प्रशिक्षित किया गया है। वर्तमान में यह प्रणाली (ऐप) अंग्रेजी एवं हिंदी के लिए उपलब्ध है, जिसकी विश्वसनीयता मानव विशेषज्ञों के समरूप सत्यापित है,” प्रा. राव ने बताया।

 

Sample report card generated by TARA-based evaluation (Credits: Researchers)
Sample report card generated by TARA-based evaluation (Credits: Researchers)

 

 

टाटा न्यास के अंतर्गत प्रारंभिक भाषा एवं साक्षरता उत्कृष्टता केंद्र की प्रमुख तथा वाचन शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. शैलजा मेनन कहती हैं, “बहुत समय से संगठनों को शिक्षण स्तर पर वास्तविक आँकड़ों (रियल टाइम डाटा) को प्रस्तुत करने वाले डिजिटल साधन की आवश्यकता थी।”

 

‘तारा’ एप इस रिक्तता को एक परिपूर्ण प्रणाली के साथ संपन्न करते हुए ध्वनि अभिलेखन (रिकॉर्डिंग) की सुविधा देता है तथा डैशबोर्ड पर प्रत्येक विद्यार्थी के व्यक्तिगत डेटा के साथ-साथ कक्षा, विद्यालय एवं क्षेत्र जैसे समूहों के लिए वाचन कौशल के प्रदर्शन का डेटा प्रदान करता है।

हाल ही में केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा ‘तारा’ को अंगीकृत किया गया है। इसमें कक्षा 3-8 के लिए हिंदी एवं अंग्रेजी के मूल्यांकन हेतु भारत भर के 1200 विद्यालयों में 7 लाख से अधिक छात्रों को सम्मिलित किया गया है, जिससे यह देश में अब तक का सबसे बड़ा परीक्षण बन गया है। इस वर्ष अक्टूबर में आधार रेखा परीक्षण (बेसलाइन टेस्ट) पहले ही पूर्ण हो चुका है, साथ ही दोनों भाषाओं में छह कक्षाओं के लिए ‘मौखिक वाचन प्रवाह’ मानक पर आधारित मूल्यवान डेटा उत्पन्न किया गया है।

निपुण भारत राष्ट्रीय अभियान के दृष्टिकोंण से केवीएस के साथ सहयोग विशेष महत्व का हो जाता है। इसके अंतर्गत केवीएस विद्यालयों से आदर्श विद्यालयों के रूप में कार्य करने की अपेक्षा की जाती है ताकि कक्षा 3 तक के समस्त छात्रों द्वारा मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता (एफएलएन) योग्यता प्राप्त हो सके। इस प्रकार योग्यता-आधारित शिक्षा एवं शिक्षण मापन विधियों को ग्रहण करने की दिशा में ये विद्यालय अग्रणी के रूप में कार्य करेंगे।

छात्रों की वाचन क्षमता की उन्नति से सम्बंधित प्रभावी पद्धतियों के विकास हेतु ‘तारा’ कार्यदल, केंद्रीय विद्यालय संगठन के साथ निरंतर सहयोग में है। इन संशोधनों का प्रभाव आगामी मूल्याँकन में स्पष्ट होगा, जो पूरे वर्ष में वितरित किये गए नियमित परीक्षण एवं अभ्यास-चक्रों के माध्यम से शिक्षण का समग्र लाभ प्रदान करेगा। विद्यालयीन शिक्षा के निमित्त प्रमाण-आधारित समाधानों को सुगम बनाने के उच्चतम लक्ष्य के साथ, नवीन सहकारिता एवं सहयोग का आईआईटी मुंबई सदैव स्वागत करता है।