अगर कोई आपको ये कहे की किसी दूसरे व्यक्ति का मल आपके लिए दवा सिद्ध हो सकता है, तो शायद आप उसे पागल समझेंगे। आप उसका भरोसा करना तो दूर की बात बल्कि उसकी इस बेतुकी बात को हँसी में ज़रूर उड़ाने का सोचेंगे । यह बात अविश्वसनीय लगती है, लेकिन यह शत प्रतिशत सत्य है।
क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
Mumbai/