इस अध्ययन के माध्यम से हम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाली ऊष्मा से प्रयोज्य विद्युत बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।
क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
Mumbai/