आईआईटी मुम्बई के वैज्ञानिकों ने ग्राफ़ीन आधारित एक नवीन जल-अपकर्षी पदार्थ विकसित किया है, जो मीठे जल संबंधी संकट को दूर करने में सहायक हो सकता है।
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पीढ़ियों से अपने वंशानुक्रम को सतत बनाये रखने की कला में निपुण सूक्ष्म सा डीएनए, इसके निमित्त यीस्ट कोशिका की विभाजन युक्ति का आश्रय लेता है,वह भी यीस्ट को कोई अतिरिक्त लाभ दिए बिना।
आईआईटी मुंबई की लेज़र पुनर्गलन (लेज़र रीमेल्टिंग) युक्ति उत्पादन गति को कम किये बिना 3-डी प्रक्रिया में सन्निहित दोषों का निराकरण करने में सक्षम है।
ताम्र आधारित मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क से निर्मित मितव्ययी संवेदक (सेंसर), जल गुणवत्ता संवेदन के क्षेत्र में स्वर्ण मानक प्राप्त डीएनए आधारित संवेदक के समतुल्य है।
हाइड्रोजन आधारित प्रक्रियाओं में उन्नत उत्प्रेरकों और नवीकरणीय ऊर्जा के समावेश से स्टील उद्योग में कार्बन विमुक्ति के आर्थिक और औद्योगिक रूप से व्यवहार्य समाधानों का विकास ।
दो वैद्युत-रासायनिक तकनीकों के संयोजन से, शोधकर्ता औद्योगिक धातुओं पर लेपित आवरण पर संक्षारण की दर को कुशलतापूर्वक मापने में सफल रहे।
प्राध्यापक अमर्त्य मुखोपाध्याय ने अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए दिसंबर में टाटा ट्रांसफॉर्मेशन पुरस्कार 2024 जीता है।
आईआईटी मुंबई के शोधकर्ताओं ने शॉकवेव आधारित बिना सुई की सिरिंज विकसित की है जो वेदनारहित एवं सुरक्षित पद्धति से औषधि का वितरण करते हुए त्वचा की क्षति एवं संक्रमण के संकट को कम करती है।
आईआईटी मुंबई का IMPART नामक नवीन वेब एप्लिकेशन जल सतह के तापमान पर दृष्टि रखने में शोधकर्ताओं की सहायता करता है एवं जलवायु परिवर्तन पर दृष्टि रखने में सहायक है।
‘तारा’ ऐप ने देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में 7 लाख छात्रों के लिए वाचन मूल्यांकन प्रारंभ किया।