आईआईटी के शोधकर्ताओं का एक सहयोगात्मक अध्ययन बताता है कि टेट्रापॉड-आकृति के नैनोकणों को कुछ प्लास्टिक पदार्थों में मिलाने से प्लास्टिक कम गाढ़े हो जाते हैं और उनपर सरलता से प्रक्रिया की जा सकती है।
क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
Mumbai/