आईआईटी मुंबई का सूक्ष्म-द्रव उपकरण मानव कोशिकाओं की कठोरता को तीव्रता से मापता है, एवं रोग की स्थिति तथा कोशिकीय कठोरता के मध्य संबंध स्थापित करने में सहायक हो सकता है।

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Mumbai
21 नवंबर 2023

वर्ष २०२३ के भौतिक विज्ञान के नोबेल पुरस्कार के क्षेत्र में आईआईटी मुंबई के शोधकर्ता के योगदान

मुंबई
1 अप्रैल 2019

देश में हो रहा मूलभूत शोधकार्य, पुनरुपयोगी एवं आवाज़ से भी कहीं ज्यादा तेज़ चलने वाले वाहन के निर्माण के हमारे सपने को साकार करने में मदद कर सकता है। 

Bengaluru
3 जनवरी 2019

नया साल शुरू तो हो गया लेकीन हम शायद पिछले साल के हंसीं पलों को याद कर रहे हैं। २०१८ की हमारी एक महत्त्वपूर्ण पहल थी प्रादेशिक भाषाओं में विज्ञान प्रसार। इस की वजह से सम्मोहक विज्ञान कहानियाँ भाषा की सीमाएं पर कर दूर दूर तक पहुँची। कन्नड भाषा से शुरुआत करते हुए हमने हिंदी, मराठी और असमिया में अच्छा प्रदर्शन किया। हमें आशा है कि २०१९ में हम और अच्छा प्रदर्शन करें। पेश कर रहे हैं आप के लिए कुछ प्रादेशिक रस

Bengaluru
20 नवंबर 2018

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद - भारतीय रसायन तकनीकी संस्थान (सी एसआईआर-आईआईसीटी), हैदराबाद के शोधकर्ता एकीकृत तकनीकों के एक सैट पर काम कर रहे हैं जिससे आज दुनिया की दो प्रमुख चुनौतियों का समाधान हो सकता है - खाद्य अपशिष्ट और ऊर्जा का अभाव। शोधकर्ताओं ने चर्चा की है कि कैसे बायो रिफाइनरी एक ऐसी सुविधा है जो ईंधन , बिजली, गर्मी और मूल्य-वर्धित रसायनों का उत्पादन करने के लिए बायोजेनिक अपशिष्ट परिवर्तन प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों को जोड़ती है। यह जैवअर्थव्यवस्था के लिए एक टिकाऊ तरीक़ा हो सकता है।