लैक्टिक अम्ल को मूल्य प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल बनाने हेतु क्षार और एंजाइम के उपयोग में सुधार की आवश्यकता है।
क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
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