आईआईटी मुंबई का संशोधन बताता है की हवा में मौजूद प्रदूषक कृषि के लिए उपलब्ध जल को प्रभावित करते है।
क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
Mumbai/