शोधकर्ताओं ने सर्प के शरीर के माध्यम से आरोपित होने वाले एक साधारण से बल के द्वारा इसमें S-स्टार्ट नामक जटिल गति की पुनरावृत्ति को दर्शाने वाला एक ऐसा संगणक प्रतिरूप निर्मित किया है, जो इस गति पर अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए विकासवाद से संबंध बताता है।
क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
Mumbai/