वॅलरायझेशन वर केलेल्या उल्लेखनीय संशोधनाबद्दल आयआयटी मुंबईच्या प्रा. देबब्रत मैती यांना शांती स्वरूप भटनागर पुरस्कार -२०२२ ने गौरविण्यात आले.
क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
Mumbai/