शोधकर्ताओं ने द्वि-आयामी पदार्थों पर आधारित ट्रांजिस्टर निर्मित किये हैं एवं ऑटोनॉमस रोबोट हेतु अत्यंत अल्प-ऊर्जा के कृत्रिम तंत्रिका कोशिका परिपथ निर्मित करने में इनका उपयोग किया है।

क्षेत्रीय जल संकट निदान हेतु आईआईटी मुंबई के शोधकर्ता मदुरै की ऐतिहासिक जल-संभर प्रणाली की पुनर्स्थापना हेतु प्रयासरत 

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शोधकार्य, एक सरंध्र तरल, सम्मिश्रण के उपयोग का सुझाव देता हैं जिससे औद्योगिक अपशिष्टों से अवशोषित कार्बन-डाइऑक्साइड को कैल्शियम कार्बोनेट में परिवर्तित किया जा सकता है।

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जैसा कि हम 2022 में कदम रख रहे हैं, यह समय है कि हम उन लेखों पर चिंतन करें जिन्हें हमने पिछले वर्ष प्रकाशित किया था। हमें खुशी है कि आप हमारे द्वारा प्रकाशित इन लेखों के साथ हमसे जुड़े। यह कहना कठिन हैं कि 'इनमे से सर्वश्रेष्ठ लेख कौन सा हैं...', क्योंकि प्रत्येक का अपना अलग प्रभाव रहा। रिसर्च मैटर्स की संपादकीय टीम ने पाँच रोमांचक लेखों को (वरीयता के किसी विशेष क्रम में न रखकर) चुना है। हमारे चुने हुए लेख कर्क रोग की चिकित्सा, पर्यावरण, विज्ञान तथा अभियांत्रिकी क्षेत्र से जुडे हैं। हमें उम्मीद है कि आप हमेशा की तरह उन्हें रोचक पाएंगे।

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शोधार्थियों ने प्रदर्शित किया कि पूर्व में ‘मूक संकेतक’ समझे जाने वाले दो ग्राही वास्तव में मूक नहीं हैं तथा अपेक्षा के विपरीत भिन्न तंत्र के माध्यम से संकेतन करते हैं।

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई के शोधकर्ताओं के प्रस्ताव को कार्बन निष्कासन के लिए दी जाने वाली X-पुरस्कार छात्र प्रतियोगिता में चयनित किया गया।

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लैक्टिक अम्ल को मूल्य प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल बनाने हेतु क्षार और एंजाइम के उपयोग में सुधार की आवश्यकता है।

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अध्ययन प्रोस्टेट कैंसर में DLX1 जीन की भूमिका की पहचान एवं इसके उन्मूलन से चूहों में कैंसरजनन कम होने की पुष्टि करता है

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कोविड-19 संक्रमण  की तीव्रता का निर्धारण करने हेतु  शोधकर्ता  मास स्पेक्ट्रोमेट्री का उपयोग करते हैं। 

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