आईआईटी बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने यह प्रदर्शित किया है कि दवाओं के मिश्रण का उपयोग, दवा प्रतिरोधी जीवाणुओं के कारण होने वाली बिमारी टीबी के उपचार में सहायता कर सकता है।
क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
Mumbai/