अम्लीय वर्षा आजकल एक मुख्य चर्चा का विषय है। मानव गतिविधियों के कारण प्रदूषण में वृद्धि का प्रतिकूल प्रभाव इसका कारण है ऐसा पर्यावरण वैज्ञानिकों ने बताया है। लेकिन इंसानों के धरती पर विकसित होने से पहले भी अम्लीय वर्षा के साक्ष्य पाये गए हैं। लगभग २५ करोड वर्ष पहले साइबेरियाई क्षेत्र में ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण जो अम्लीय वर्षा हुई उसके कारण लगभग 90% समुद्री और 70% स्थलीय प्रजातियां खत्म हुई थी। अम्लीय वर्षा के कारण बड़े पैमाने पर प्रजातियों के लुप्त होने का यह पृथ्वी के इतिहास में सबसे विनाशकारी मामला था।
वास्तविक समय में निगरानी एवं परिवर्तनीय परिस्थितिओं के अनुरूप कार्य का आवंटन करने में सक्षम नवीन एल्गोरिदम, स्वायत्त रोबोट्स के मध्य परस्पर सहयोग में उल्लेखनीय प्रगति लाने वाले हैं।
Mumbai/ मई 3, 2024