यह अध्ययन पानी की गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए भारत के अपशिष्ट जल शुद्धिकरण के आधारभूत ढांचे में एक पद्धतिबद्ध परिवर्तन करने का प्रस्ताव देता है।
क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
Mumbai/