शोधकर्ताओं ने स्वेद (स्वेट) के चयापचय (मेटाबोलाइट) स्तर में परिवर्तन का पता लगाने के लिए तन्तु (थ्रेड) आधारित संवेदक विकसित किया है।
क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
Mumbai/