क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।

Science

मुंबई

देश में हो रहा मूलभूत शोधकार्य, पुनरुपयोगी एवं आवाज़ से भी कहीं ज्यादा तेज़ चलने वाले वाहन के निर्माण के हमारे सपने को साकार करने में मदद कर सकता है। 

वैज्ञानिक पश्चिमी घाट की पर्वत माला जैसे किसी भी पर्यावरणीय तंत्र के संरक्षण हेतु इन्हें 'जैव-विविधता से परिपूर्ण स्थान’ (बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट) का दर्जा कैसे दे पाते हैं? यह कार्य इकोलॉजिकल सैंपलिंग नाम की शोध-तकनीक के द्वारा किया जाता है, जो उस तंत्र में स्थित जीवों और वनस्पतियों की विविधता और बहुतायत को जाँचने में मदद करती है| इस तकनीक के अंतर्गत एक निश्चित इलाके के भीतर अलग-अलग जगहों से जीवों और वनस्पतियों के नमूने इकट्ठा किये जाते हैं, ताकि इन नमूनों के आधार पर ,पूरे इलाके की संभावित जैव-विविधता का आकलन हो पाये|

मुंबई

आई आई टी मुंबई के  शोधकर्ताओंने बहुलक आधारित जैवकृत्रिम अग्न्याशय का निर्माण किया

मुंबई

शोधकर्ता ऊर्जा बैकअप के लिए विभिन्न बैटरी प्रणालियों की तुलना करने का तरीका सुझाते हैं। 

Bengaluru

दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भारत, दुनिया में 'चीनी केंद्र' के नाम से जाना जाने लगा है। यह गन्ना पैदा करने की वजह से नहीं है बल्कि टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों की बढ़ती संख्या के कारण है- एक ऐसी बीमारी जिसमें या तो पैंक्रियास पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या शरीर की कोशिकाएँ उत्पादित इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पातीं । यह एक ऐसी बीमारी है जो अगर सही समय पर ध्यान न दिया जाए तो बढ़ती जाती है और अक्सर यह बीमारी किन्हीं आनुवांशिक कारणों से होती है। मधुमेह का इलाज महंगा होता है और अगर एक

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कम्प्यूटर की मदद से  व्यंगात्मक शब्दों के पता लगाने की तकनीक पर भारतीय परौद्योगिक संस्थान बम्बई के शोधार्थियों द्वारा विभिन्न दृष्टिकोणों से किया गया सर्वेक्षण

मुंबई

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई के शोध अध्ययन के अनुसार बढ़ता शहरीकरण और बढ़ती कृषि, वर्षा जल अपवाह और मिट्टी के संचलन को बदलती है

मुंबई

आई आई टी मुंबई के संशोधकोंने गावों में इस्तेमाल के लिए किफायती और कम रखरखाव वाला आर्सेनिक फ़िल्टर विकसित किया 

मुंबई

भारतीय प्रौद्योगिक  संस्थान मुंबई के वैज्ञानिकों द्वारा स्वास्थ्य के संकेतक ई सी जी और ई ई जी की लगातार निगरानी के लिए कम लागत और ऊर्जा की खपत वाला वायरलेस धारणीय उपकरण विकसित 

मुंबई

आईआईटी बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने सूक्ष्मजीव बायोरिफाइनरीज़ के लाभप्रदता का आंकलन उसके सहउत्पाद के बाज़ार की मांग और कार्बन कैप्चर के आधार पर किया

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