क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।

Science

Bengaluru

जैसा कि हम 2022 में कदम रख रहे हैं, यह समय है कि हम उन लेखों पर चिंतन करें जिन्हें हमने पिछले वर्ष प्रकाशित किया था। हमें खुशी है कि आप हमारे द्वारा प्रकाशित इन लेखों के साथ हमसे जुड़े। यह कहना कठिन हैं कि 'इनमे से सर्वश्रेष्ठ लेख कौन सा हैं...', क्योंकि प्रत्येक का अपना अलग प्रभाव रहा। रिसर्च मैटर्स की संपादकीय टीम ने पाँच रोमांचक लेखों को (वरीयता के किसी विशेष क्रम में न रखकर) चुना है। हमारे चुने हुए लेख कर्क रोग की चिकित्सा, पर्यावरण, विज्ञान तथा अभियांत्रिकी क्षेत्र से जुडे हैं। हमें उम्मीद है कि आप हमेशा की तरह उन्हें रोचक पाएंगे।

Kanpur

शोधार्थियों ने प्रदर्शित किया कि पूर्व में ‘मूक संकेतक’ समझे जाने वाले दो ग्राही वास्तव में मूक नहीं हैं तथा अपेक्षा के विपरीत भिन्न तंत्र के माध्यम से संकेतन करते हैं।

मुंबई

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई के शोधकर्ताओं के प्रस्ताव को कार्बन निष्कासन के लिए दी जाने वाली X-पुरस्कार छात्र प्रतियोगिता में चयनित किया गया।

मुंबई

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई के प्राध्यापक सुब्रमण्यम चंद्रमौली को 'हरित ऊष्मा' उत्पन्न करने के उनके अभिनव प्रस्ताव के लिए स्वर्णजयंती फैलोशिप वर्ष 2021 से सम्मानित किया गया।

मुंबई

शोधकर्ताओं ने त्रिआयामी अनुकरण (थ्री-डी प्रिन्टिंग) को उन्नत बनाने के लिए ज्यामिति और सावरतिकता  (आइसोट्रोपी) के बीच सम्बन्ध का अध्ययन किया

मुंबई

लैक्टिक अम्ल को मूल्य प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल बनाने हेतु क्षार और एंजाइम के उपयोग में सुधार की आवश्यकता है।

मुंबई

शोधकर्ताओं ने आईसी चिप्स, फोटोवोल्टेइक सैल और गैस टरबाइनों को प्रभावी ढंग से ठंडा करने के लिए सूक्ष्म प्रणालियों पर आधारित ऊष्मागतिकी (थर्मोडाइनामिक्स ऑफ स्मॉल स्केल सिस्टम्स) के गणितीय विश्लेषण का उपयोग किया है।

मुंबई

Study finds an increase in the rate of soil erosion post the extreme floods in August 2018.

मुंबई

शोधकर्ताओं ने  मानव-वन्यजीवन सहअस्तित्व और आगे की राह में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की

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