वास्तविक समय में निगरानी एवं परिवर्तनीय परिस्थितिओं के अनुरूप कार्य का आवंटन करने में सक्षम नवीन एल्गोरिदम, स्वायत्त रोबोट्स के मध्य परस्पर सहयोग में उल्लेखनीय प्रगति लाने वाले हैं।

Health

मुंबई
30 नवंबर 2018

ताँबा (कॉपर) मानव में तंत्रिका और प्रतिरक्षा प्रणाली के सुचारू कामकाज के लिए एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है। यह पौधों के विकास और प्रजनन में भी एक महत्त्वपूर्ण एवं नियामक भूमिका निभाता है। शरीर मे ताँबे की कमी रक्त और तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकारों का कारण बनती है जबकि इसकी अतिरिक्त मात्रा जहरीली हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप अल्ज़ाइमर रोग और सूजन संबंधी विकार उत्पन्न हो जाते हैं। हाल ही के एक अध्ययन में बायोसाइंसेज और बायोइंजिनियरिंग विभाग, भारतीय प्रौ

Bengaluru
3 जनवरी 2019

नया साल शुरू तो हो गया लेकीन हम शायद पिछले साल के हंसीं पलों को याद कर रहे हैं। २०१८ की हमारी एक महत्त्वपूर्ण पहल थी प्रादेशिक भाषाओं में विज्ञान प्रसार। इस की वजह से सम्मोहक विज्ञान कहानियाँ भाषा की सीमाएं पर कर दूर दूर तक पहुँची। कन्नड भाषा से शुरुआत करते हुए हमने हिंदी, मराठी और असमिया में अच्छा प्रदर्शन किया। हमें आशा है कि २०१९ में हम और अच्छा प्रदर्शन करें। पेश कर रहे हैं आप के लिए कुछ प्रादेशिक रस

मुंबई
27 दिसम्बर 2018

आईआईटी बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने यह प्रदर्शित किया है कि दवाओं के मिश्रण का उपयोग, दवा प्रतिरोधी जीवाणुओं  के कारण होने वाली बिमारी टीबी के उपचार  में सहायता कर सकता है।

मुंबई
5 दिसम्बर 2018

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई (आई आई टी बॉम्बे) के शोधकर्ताओ ने एक जीवन-रक्षक यंत्र विकसित किया है जो स्मार्ट फोन की मदद से दिल का दौरा पड़ने से पहले ही उसका पता लगा सकता है। इस अभिनव सेन्सर की संकल्पना शोध छात्रों, देबास्मिता मोंडोल और सौरभ अग्रवाल, ने प्रोफेसर सौम्यो मुखर्जी के मार्गदर्शन में की है। इसके लिए हाल ही में उन्हें गांधीवादी युवा प्रौद्योगिकी अभिनव पुरस्कार 2018 से

मुंबई
6 नवंबर 2018

भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान, मुंबई के छात्र ने एक ऐसे उपकरण का आविष्कार किया है जिसकी सहायता से रक्त लेने के लिए शिराओं को ढूँढ़ने में आसानी होगी।

10 अक्टूबर 2018

अम्लीय वर्षा आजकल एक मुख्य चर्चा का विषय है।  मानव गतिविधियों के कारण प्रदूषण में वृद्धि का प्रतिकूल प्रभाव इसका कारण है ऐसा पर्यावरण वैज्ञानिकों ने बताया है। लेकिन इंसानों के धरती पर विकसित होने से पहले भी अम्लीय वर्षा के साक्ष्य पाये गए हैं। लगभग २५ करोड वर्ष पहले साइबेरियाई क्षेत्र में ज्वालामुखी के  विस्फोट के कारण जो अम्लीय वर्षा हुई उसके कारण लगभग 90%  समुद्री और 70%  स्थलीय प्रजातियां खत्म हुई थी। अम्लीय वर्षा के कारण बड़े पैमाने पर प्रजातियों के लुप्त होने का यह पृथ्वी के इतिहास में सबसे विनाशकारी मामला था।

10 अक्टूबर 2018

अगर कोई आपको ये कहे की किसी दूसरे व्यक्ति  का मल आपके लिए दवा सिद्ध हो सकता है, तो शायद आप उसे  पागल समझेंगे। आप उसका भरोसा करना तो दूर की बात बल्कि उसकी इस बेतुकी बात को हँसी में ज़रूर उड़ाने का सोचेंगे । यह बात अविश्वसनीय लगती है, लेकिन यह शत प्रतिशत सत्य है।

लखनऊ
22 अगस्त 2018

अच्छे स्वस्थ्य के लिए शुद्ध पेय जल एक महत्वपूर्ण ज़रूरत है। अशुद्ध जल पीने से हैज़ा, दस्त, पेचीस, हेपेटाइटिस-ए, और टायफॉइड जैसी बीमारियाँ होती हैं। भारत जैसे देश में, जहाँ २१ प्रतिशत संक्रामक बीमारियाँ दूषित जल के कारण फैलती हैं और साफ-सुरक्षित पेय जल की अनुपलब्धता के कारण प्रतिदिन ५०० से ज़्यादा बच्चे ५ वर्ष की आयु के भीतर ही  दस्त  के शिकार हो जाते हैं, शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराना सर्वोपरि आवश्यकता है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सी.एस.आई.आर.) के भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (सी.एस.आई.आर.

मुंबई
29 अगस्त 2018

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (आई आई टी बॉम्बे ) के शोधकर्ताओं ने अनार के बीज से पुष्टिकारक तेल, प्रोटीन और रेशे (फाइबर) निकालने का एक बहुत ही आसान तरीका सुझाया है।

बेंगलुरु
8 जून 2018

सुपरबग श्रृंखला (भाग १): एंटीबायोटिक प्रतिरोध के बारे में तीन भाग वाली श्रृंखला का पहला भाग है।