एरेटेड ऑटोक्लेव्ड कंक्रीट ब्लॉक जैसी पर्यावरण-कुशल भित्ति सामग्री, प्राकृतिक वायु संचालित घरों में तापमान को बहुत कम कर इसे आंतरिक रूप से सुविधाजनक बनाती हैं।

Science

Mumbai
11 अप्रैल 2022

भारत विविधताओं का देश है। देश में बोली जाने वाली भाषाओं की व्यापक संख्या इस तथ्य का प्रमाण है। मुख्यतया चार भाषाओं के वर्ग हैं जिनके साथ बाईस अनुसूचीबद्ध भाषाएँ हैं, जिनमें तीस से अधिक भाषाएँ दस लाख से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती हैं।

भोपाल
4 अप्रैल 2022

अध्ययन से वायरल संक्रमण से लड़ने में माइक्रोआरएनए की वृह्द भूमिका और स्व प्रतिरक्षा बीमारियों में इसके अंधेरे पक्ष का पता चलता है।

मुम्बई
29 मार्च 2022

साधारण द्वि-घटक मिश्रधातुओं से प्राप्त सूचना का उपयोग करके, बहु-घटक मिश्र धातुओं के प्रत्यास्थ व्यवहार का पूर्वानुमान यंत्राधिगम (मशीन लर्निंग) द्वारा किया जा सकता है। 

मुम्बई
17 मार्च 2022

शोधकर्ताओं ने मुखावरण पर जल विकर्षक हाइड्रोफोबिक परत का लेपन कर उनकी दक्षता में सुधार किया है।

मुंबई
21 फ़रवरी 2022

वृहन्मुंबई में परिवहन सुविधा की निरंतरता में अंतराल  विद्यालय को अनेकों  हेतु अगम्य बना सकता है।  

मुंबई
14 फ़रवरी 2022

तटीय क्षेत्रों में तरंग ऊर्जा संयंत्रों हेतु संभावित स्थानों की पहचान

Madurai
7 फ़रवरी 2022

क्षेत्रीय जल संकट निदान हेतु आईआईटी मुंबई के शोधकर्ता मदुरै की ऐतिहासिक जल-संभर प्रणाली की पुनर्स्थापना हेतु प्रयासरत 

मुंबई
10 जनवरी 2022

शोधकार्य, एक सरंध्र तरल, सम्मिश्रण के उपयोग का सुझाव देता हैं जिससे औद्योगिक अपशिष्टों से अवशोषित कार्बन-डाइऑक्साइड को कैल्शियम कार्बोनेट में परिवर्तित किया जा सकता है।

Bengaluru
1 जनवरी 2022

जैसा कि हम 2022 में कदम रख रहे हैं, यह समय है कि हम उन लेखों पर चिंतन करें जिन्हें हमने पिछले वर्ष प्रकाशित किया था। हमें खुशी है कि आप हमारे द्वारा प्रकाशित इन लेखों के साथ हमसे जुड़े। यह कहना कठिन हैं कि 'इनमे से सर्वश्रेष्ठ लेख कौन सा हैं...', क्योंकि प्रत्येक का अपना अलग प्रभाव रहा। रिसर्च मैटर्स की संपादकीय टीम ने पाँच रोमांचक लेखों को (वरीयता के किसी विशेष क्रम में न रखकर) चुना है। हमारे चुने हुए लेख कर्क रोग की चिकित्सा, पर्यावरण, विज्ञान तथा अभियांत्रिकी क्षेत्र से जुडे हैं। हमें उम्मीद है कि आप हमेशा की तरह उन्हें रोचक पाएंगे।

Kanpur
31 दिसम्बर 2021

शोधार्थियों ने प्रदर्शित किया कि पूर्व में ‘मूक संकेतक’ समझे जाने वाले दो ग्राही वास्तव में मूक नहीं हैं तथा अपेक्षा के विपरीत भिन्न तंत्र के माध्यम से संकेतन करते हैं।