भारतीय वन्यजीव संस्थान के शोधकर्ताओं ने पूर्वी हिमालय की 3,630 मीटर ऊँचाई की पहाड़ियों में इन शाही बाघों के होने के साक्ष्य का पहला फोटो प्रस्तुत किया था।
Deep-dive
जॉन्स हॉपकिंस स्कूल ऑफ मेडिसिन और बायरामजी जीजीभोय सरकारी मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया कि घरेलू वायु प्रदूषण क्षय रोग को कैसे प्रभावित कर सकता है।
लगभग एक मीटर लंबा और १८ किलोग्राम तक वजन वाला, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पृथ्वी पर सबसे भारी उड़ने वाले पक्षियों में से एक है। पिछले ५० वर्षों में उनकी संख्या में लगभग ९०% की गिरावट आई है, और इन करिश्माई पक्षियों का भविष्य विलुप्ति की ओर बढ़ रहा है। वे अब अपने अस्तित्व के लिए समय के खिलाफ एक कड़ी दौड़ में हैं और अगर ये हालात तेजी से नहीं बदलते हैं, तो वे स्वतंत्र भारत में विलुप्त होने वाली पहली प्रजाति हो सकते हैं।
कैंसर, बीमारियों का एक समूह है जिसमें कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होती है और यह शरीर के अन्य भागों में फैल सकती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि एक कैंसरग्रस्त ऊतक के अंदर सभी कोशिकाएँ समान नहीं होती हैं?
शाकाहारी कीटों में पौधों के समुदायों की संरचना और कार्य को प्रभावित करने और आकार देने की क्षमता होती है। कीटों की कुछ प्रजातियाँ अपने जीवन चक्र का कुछ हिस्सा या पूरा जीवन कुछ विशिष्ट पौधों पर ही गुज़ारती हैं। चूँकि उन्होंने लाखों वर्षों से पौधे के साथ सह-सम्बंध विकसित कर लिया होता है इसलिए जिन पौधों का वे सेवन करते हैं उनकी पत्तियों की लंबाई और आकार के विकास पर उनका असर पाया जाता है। इन दोनों के बीच के सम्बंधों को समझने से इस तरह के सवाल कि क्यों पत्तियों की लंबाई और आकार में इतनी विविधता होती है, का जवाब मिल सकता है। एम.ई.एस.
देश में हो रहा मूलभूत शोधकार्य, पुनरुपयोगी एवं आवाज़ से भी कहीं ज्यादा तेज़ चलने वाले वाहन के निर्माण के हमारे सपने को साकार करने में मदद कर सकता है।
आई आई टी मुंबई के शोधकर्ताओंने बहुलक आधारित जैवकृत्रिम अग्न्याशय का निर्माण किया
शोधकर्ता ऊर्जा बैकअप के लिए विभिन्न बैटरी प्रणालियों की तुलना करने का तरीका सुझाते हैं।
दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भारत, दुनिया में 'चीनी केंद्र' के नाम से जाना जाने लगा है। यह गन्ना पैदा करने की वजह से नहीं है बल्कि टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों की बढ़ती संख्या के कारण है- एक ऐसी बीमारी जिसमें या तो पैंक्रियास पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता या शरीर की कोशिकाएँ उत्पादित इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पातीं । यह एक ऐसी बीमारी है जो अगर सही समय पर ध्यान न दिया जाए तो बढ़ती जाती है और अक्सर यह बीमारी किन्हीं आनुवांशिक कारणों से होती है। मधुमेह का इलाज महंगा होता है और अगर एक
कम्प्यूटर की मदद से व्यंगात्मक शब्दों के पता लगाने की तकनीक पर भारतीय परौद्योगिक संस्थान बम्बई के शोधार्थियों द्वारा विभिन्न दृष्टिकोणों से किया गया सर्वेक्षण