भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान, मुंबई के छात्र ने एक ऐसे उपकरण का आविष्कार किया है जिसकी सहायता से रक्त लेने के लिए शिराओं को ढूँढ़ने में आसानी होगी।
क्षयरोग के जीवाणु प्रसुप्त अवस्था में अपने बाह्य आवरण में होने वाले परिवर्तन के कारण प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) से बच कर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
Mumbai/